जब आपने घटिया लोगों को अपना आदर्श बना रखा है तो आप एक अच्छे समाज की कल्पना क्यों करते हो? जो स्वयं कभी पान मसाला का विज्ञापन देते हैं वो क्या भारत को स्वच्छ बनायेंगे? संपा मसाले का विज्ञापन देते हैं वह क्या शिक्षा को आगे बढने देंगे? उनका पूरा मकसद पैसे कमाना है और मौज करना है। समाज किस गड्ढे में जा रहा है इसका उनको कुछ मतलब नहीं है। उनको तो केवल पैसे से मतलब है। अगर उनको पैसे मिलेंगे तो वो जहर का भी , शराब का भी विज्ञापन करेंगे।
मुझे खोजकर दिखा दो किसी न्यूज़ पोर्टल पर अष्टावक्र, याज्ञवल्क, अवधूत दत्तात्रेय जी का नाम। वो इन नामों को छुपाना चाहते हैं जिनकें नाम सबसे ऊपर होने चाहिए।
फलाना एक्टर ने अपने हॉट लुक से तहलका मचा रखा है, ये ब्रेकिंग न्यूज़ है। ये साजिश है , समझो इसको। तुम इसको समझते नहीं तो जब परिणाम आता है, बलात्कार के रूप में या अन्य किसी अपराध के रूप में सामने आता है, तो तुम बिल बिला उठते हो। आप जाकर किसी भी सोशल मीडिया पर जाकर देख लो जो सबसे ज्यादा न्यू वीडियो होगी उनमें 99 प्रतिशत अश्लील विडियो ही होगी। इंस्टाग्राम और नेटफ्लिक्स चलना बंद हो जाएँ अगर अश्लीलता को बंद कर दें , तो जो काम उत्तेजना भड़काने वाला सामग्री ही वायरल हो रहा है तो जब बलात्कार होता है, तो बिल बिला क्यों उठते हो? आप बलात्कारी को अपराधी मानते हैं लेकिन बलात्कारी तो कठपुतली मात्र है , उसके पीछे पूरा अश्लीलता फैलाने वाला मीडिया और विज्ञापन है।
परंतु तुम उनको दोषी मानते नहीं बल्कि उनको आदर्श मानते हो, तो तुम्हारे साथ कुछ भी बुरा हो रहा है तो उसके जिम्मेदार तुम स्वयं हो, कोई बाहर वाले जिम्मेदार नहीं हैं। जब उन्होंने अश्लील सामग्री बनाई तो तुमने उसका विरोध क्यों नहीं किया ? बल्कि उसको वायरल कर दिया। तो जब परिणाम बलात्कार की रूप में या किसी अन्य अपराध के रूप में सामने आता तो तुम अपराधी को दोषी मानते हो।
सम्मान ऋषियों और गुरुओं के होने चाहिए लेकिन तुम सम्मान किसको दे रहें? दो कौड़ी के कलाकारों को। सम्मान मिलना चाहिए राम, कृष्ण , अष्टावक्र , कबीर की। और सम्मान किसको मिल रहा है? दो कौड़ी के फिल्मी कलाकारों को।
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