शुभ और अशुभ , पाप और पुण्य प्रश्न- शुभ क्या है? अशुभ क्या है? पाप क्या है? पुण्य क्या है? पंडित या ज्योतिषी जिस शुभ तथा अशुभ या पाप तथा पुण्य को बताते हैं? क्या वही सत्य हैं या…
जो विवाह के लिए आतुर हो जो विवाह के लिए आतुर हो और जो पुत्रप्राप्ति के लिए आतुर है। एक लड़का छोटी उम्र से ही संयास ले लिया था। जब बड़ा हो गया तब उसने तीर्थयात्रा करने के बार…
अहम् ब्रह्मास्मि त्वं चा कहने से कोई विद्वान नहीं होता अहम् ब्रह्मास्मि त्वं चा कहने से कोई विद्वान नहीं होता जीवन का मुख्य उद्देश्य, परम लक्ष्य आत्मज्ञान (आत्म-बोध) प्राप्त करना है। यह बहुत सरल है और अत्…
श्री अष्टावक्र गीता भाग 7: अंतिम उपदेश अष्टावक्र गीता अंतिम अध्याय: भाग 7 राजा जनक कहते हैं कि हे गुरुवर, मैंने आपके तत्त्वज्ञान रूपी संसी की सहायता से हृदय और उदर से अनेक प्रकार के विचार…
श्री अष्टावक्र गीता भाग 6 अष्टावक्र गीता भाग 6 अष्टावक्र कहते हैं कि मूढ़ पुरुष हमेशा इसी चिंता में लगा रहता है कि उसके पास कितना है और कितने का अभाव है। वह अभावों की पूर्ति …
श्री अष्टावक्र गीता भाग 5 श्री अष्टावक्र गीता: महर्षि अष्टावक्र और जनक संवाद संसार से मुक्ति के दो मार्ग बताए जाते हैं। एक प्रवृत्ति मार्ग और दूसरा निवृत्ति मार्ग। प्रवृत्त…
श्री अष्टावक्र गीता भाग 4 श्री अष्टावक्र गीता भाग 4 अष्टावक्र जीवन्मुक्त योगी के लक्षण बताते हुए कहते हैं कि योगी के चित्त की संकल्प, विकल्प अवस्था से पूर्णतः निर्विकल्प हो जा…
श्री अष्टावक्र गीता भाग 3 अष्टावक्र गीता: जनक और अष्टावक्र संवाद इस संसार में प्रचलित आश्रम व्यवस्था (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास), वर्ण व्यवस्था (ब्राह्मण, क्षत…