महाभारत का सार श्रीकृष्ण एक योगेश्वर थे, एक सद्गुरू थे। अविनाशी, अव्यक्त परमात्मा उनमें व्यक्त था, इसीलिए श्रीकृष्ण निर्गुण ,निराकार अविनाशी परमात्मा हैं। श्रीकृष्ण…
भीम भाव ही भीम है। मित्र: भीमसेन क्या तुम जन्म से ही बलशाली थे ? भीम: हाँ। मैं मां के गर्भ से ही बलवान था। मेरा शरीर वज्र के समान कठोर था। मेरी मां ने म…
संत का अचूक मंत्र संत का अचूक मंत्र आज के युग में संत शब्द का बहुत ही गलत अर्थ लिया जाता है। आजकल के समय में भगवाधारी भिखामंगो को भी संत कह दिया जाता है। किंतु पारमार्…
काम क्रोध मद लोभ विसारो काम क्रोध मद लोभ विसारो रावण के पास सोने की लंका थी। और स्वयं वेदों का ज्ञाता (विद्वान) था, लेकिन रावण का फिर भी काम कितना घिनौना था? दूसरी स्त्री पर…
श्रीकृष्ण का दिगदर्शन श्रीकृष्ण का दिगदर्शन अर्जुन की पात्रता ही श्रीकृष्ण का साथ है। जो अर्जुन की तरह नहीं है, वह श्रीकृष्ण के पास होते हुए भी श्रीकृष्ण को नहीं पहचानता। …