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𝗟𝗮𝗻𝗴𝘂𝗮𝗴𝗲

वेदांत , उपनिषद और गीता प्रचारक

जहाँ पशुओं पर क्रूरता वहाँ सुख कहाँ?

वो गाय है दूध देने की मशीन नहीं

 डेरी फार्म का सच और मांसाहार पर प्रतिबंध


यहाँ पर दूध की डेरी के व्यापार की सच्चाई जानने को मिलेगा। क्या कभी आपने सोचा है कि मार्केट में उपलब्ध जिस दूध का उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में कर रहे हैं? वह दूध किस प्रकार पशुओं पर क्रुरता करके उनसे दूध निकाला जाता है? गायों और भैंसियों को कृतिम रूप से गर्भ धारण कराया जाता है। गायों और भैसियों को दूध की मशीन बना दिया गया है। मनुष्य अपने स्वार्थ से अंधा होकर पशुओं पर ऐसी भयानक क्रुरता जा रहा है। गायों और भैंसियों का बलात्कार किया जा रहा है। जिस दूध को तुम बड़े आत्मविश्वास के साथ पीते हो कि इससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा। जरा देख लो वह दूध किस प्रकार मूक जीवों पर क्रुरता करके उत्पन्न किया जा रहा है। 
जंगल का कोई भी पशु या जीव यह नहीं कहेगा कि मनुष्य मुझे भोजन दे। तुम जिसको भोजन देते हो उसका खून निकाल लेते हैं। ये भोजन नहीं है। जहर है। दया बिना मनुष्य कसाई हो जाता है। जब लगे कि जिस जीव को तू मारकर उसका मांस खाने जा रहे वह तुमसे भिन्न नहीं है। तब समझ लेना मांस मेरे लिए नहीं है। नॉन वेज क्या होता है? यह क्यों बोलते हो कि नानवेज खाने का मन था? सीधे सीधे क्यों नहीं बोलते कि आज किसी की हत्या करने का मन था? किसी की गर्दन पर छूरी चलाने का मन था? लेकिन यह बात बोलोगे तो तुम ही अच्छा नहीं लगेगा? कत्ल भी कर डाला और गुनाह भी नहीं हुआ। क्या खूबी है? तुम मांस और दूध का सेवन इसलिए करते हो क्योंकि जीवन में प्रेम नहीं जानते।इस धरातल पर सबसे खतरनाक जीव मनुष्य ही है। जितनी तेजी से दूसरे जीवों की हत्या की जा रही है यदि उसी तेजी से मनुष्य की हत्या की जाए तो लगभग 15 दिन में धरती पर एक भी मनुष्य नहीं बचेगा। 
कभी किसी मुर्गे से प्रेम करके तो देखो, गाय से ,हिरण से प्रेम करके तो देखो। मनुष्य धोखा देगा किंतु पशु कभी नहीं धोखा देंगे। जिस मुर्गे अथवा किसी जीव को तुम मार कर खाने वाले हो, वह अभी जीना चाहता है। थोड़ी देर पहले उसने प्राण थे, वह भी खेल रहा था। लेकिन तुमने अपने स्वार्थ के लिए उसकी हत्या कर डाली। 
मांसाहार पर तर्क आते हैं इससे प्रोटीन मिलता। अरे मूर्ख! जितना प्रोटीन माँस से नहीं मिलता उससे अधिक शुद्ध शाकाहार के मिलता है। यह बहुत स्वार्थी और पापी लोग काम है कि प्रोटीन की चक्कर में दूसरों की हत्या करने से नहीं घबराते हैं।
मांसाहार से न केवल तुम्हें बल्कि इस पूरी वातावरण को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। 
वातावरण के लिए नहीं तो कम से कम स्वयं के लिए सही जीवन, सही भोजन चुनो। 
पूरी दुनिया में केवल मांसाहार से लगभग 70 से 80 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड होता है। जो मनुष्य के लिए काफी घातक सिद्ध होता है। मनुष्य को चाहिए कि वह अपना उद्धार करें, अपने आत्मा को अधोगति में ना लेके जाए। 
संक्षेप में कहें तो मांसाहार ना मनुष्य के लिए और ना ही प्रकृति के लिए कल्याणकारी है। इसलिए मांसाहार का त्याग करिए। प्रेमपूर्ण जीवन बिताइए।

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