शरीर की सच्ची कहानी
हम सभी को अपने शरीर को लेकर बड़ा आशक्ती और लगाव है। पुरुष है तो स्त्री का देह चाहेगा और यदि स्त्री है तो पुरुष का देह चाहेगी। बड़ी सुंदरता निखारते थे। किंतु यह सब पार्थिव ही तो है। दो दिन पुराना मुर्दा भी देखा है? कैसा हो जाता है? मर जाओगे उसके चार घंटे बाद कोई पास बैठना नहीं चाहेगा, बदबू उठती है। सड़ने लगते हो तो बर्फ में रख दिये जाते हो। ये है इस देह की औकात। ज्यादा देर तक फुंके नहीं गए तो तुम्हारी वजह से बीमारी फ़ैल जाएगी, यह इस देह की औकात। मैं गंदा रहने को नहीं कह रहा लेकिन पूछ रहा हूं। जितना समय उर्जा और संसाधन इस देह की देखभाल में लगा रहे हो उतना इसमें लगना चाहिए ? या फिर जीवन की किसी अन्य सार्थक काम में लगना चाहिए?
देह भाव से मुक्त होने का एक अच्छा उपाय है भृतहरी का श्रृंगारशतकम और वैरागशतकम पढ़ लीजिए। पहले बोल रहे थे सुंदर त्वचा, आकर्षक बाल! बाद में बोलते हैं कि उस चमड़ी को क्या चाटना? जिसके ठीक पीछे तमाम तरह की मल, मूत्र, पित्त,रज, मवाद, आदि भरे हैं। केवल बाहर से चमड़ी की एक पतली सी चादर चढ़ी हुई है। चाटते वक्त इनका खयाल नहीं आता?
किसी दूसरे को पता हो या न पता हो, लेकिन तुम्हें तो तुम्हारे शरीर की सच्चाई पता है। कान से खुरेद निकलती है, आंख से कीचड़ निकलता है, मुंह से बदबू निकलती है, शरीर से पसीना निकलता है, मलद्वार से मल निकलता है, मूत्रद्वार से मूत्र निकलता है, ये है इस देह की औकात। अच्छे से अच्छे और सुंदर से सुंदर चीजें खाकर हम उसे मल बना देते हैं। अपने शरीर के बारे में हम दूसरों से तो बहुत कुछ छुपाते हैं। दूसरों के सामने जाने से पहले नाखून साफ कर लेंगे। दाँत साफ कर लेंगे।दूसरों के बीच में पाद भी मारेंगे तो छुपा कर। परंतु तुम्हें तो पता है कि तुमने अभी कितनी गंदगी फैलाई है?
सब पुरुषों के लिए यह नियम बनना चाहिए कि महिलाओं के ब्यूटी पार्लर जाकर 3 - 4 महीने काम करें। और देंखे कि क्या है इस शरीर की सच्चाई? पुरुष जिस रुप और यौवन के पीछे इतने पागल हैं, उसकी सच्चाई पार्लर जाकर देख लो। जितने फल और सब्जी रसोई में नहीं पाए जाते, उतने मुह पर मले जा रहे हैं। तमाम प्रकार के रसायन देह पर घिसे जा रहे हैं, ताकि देह आकर्षक लगे।
हम निर्मलता की बात करते हैं और यह देह ऐसा है कि 2 दिन नहाये नहीं तो गंदा हो जाए।
जब शरीर ही नश्वर है, तो इसकी सुंदरता ही कब तक रहेगी? जिन्होंने शरीर के दम पर ही प्रशिद्धि पाई। उन फिल्मी सितारों का जवानी की और बुढ़ापे की फोटो एक साथ देख लो। देह क्या है स्पष्ट हो जाएगा? बूढ़े हो जाने पर गाल पर झुर्रियां पड़े जाएंगी। मांस लटक जायेंगे।
जिस तन को तू सजाता, वो धूल में मिलेगा
सब देखते रहेंगे, अग्नि में वो जलेगा।
ना गोरा तन रहेगा, ना रूप ही रहेगा।
तेरी जवानी का मद भी कभी ना रह सकेगा।
ममता फँस कर इनकी क्या हाथ तेरे आता