ब्रह्म मुहूर्त में कुछ खास होता है।
जब भी हम ब्रह्म मूहूर्त बात करते हैं। तब ब्रह्म मुहूर्त सुबह 3:00 बजे से 5:00 बजे तक समय माना जाता है। मेरे पास एक सज्जन आए और बोले कि मैं सुबह 4:00 बजे ब्रह्म मुहूर्त में जागता हूं। हमने पूछा कि 4:00 बजे ही ब्रह्म मुहूर्त शुरु होता है इसकी क्या गारंटी है?
लोगों में ब्रह्म मुहूर्त को लेकर बड़ी भ्रांति है।
मान लो कि तुम कहते हो कि सुबह 3:30 बजे ब्रह्म मुहूर्त होता है। लेकिन यदि तुम थोड़े भी पढ़े लिखे होगे, तो पहले यह बताओ कि सुबह 3:30 बजे किस देश में ब्रह्म मुहूर्त होता है? क्योंकि अलग-अलग देशों का अलग अलग टाइम ज़ोन होता है। भारत में रहकर जिस घड़ी में तुम समय देखते हो। वह वास्तव में केवल इलाहाबाद का समय बताता है। चूँकि इलाहाबाद लगभग भारत के मध्य में स्थित है इसलिए मान लिया जाता है कि यह समस्त भारत का टाइम ज़ोन होगा।
यदि आपके अनुसार देखा जाए अलग-अलग देशों का ब्रह्म मुहूर्त अलग-अलग समय में होगा।
किंतु वास्तव में ब्रह्म मुहूर्त तब होता है जब ब्रह्म की बात हो, जब कृष्ण की बात हो, जब धर्म की बात हो तभी ब्रह्म मुहूर्त होता है।
वास्तव में ब्रह्म चर्चा ही जब होती है तभी ब्रह्म मुहूर्त होता है। ब्रह्म माने क्या? ब्रह्म का अर्थ है सत्य।
और सत्य क्या है? सत्य हैं ईश्वर, सत्य है परमात्मा, सत्य हैं कृष्ण, सत्य है आत्मा।
किसी समय अंतराल को शुभ घड़ी नहीं कहते बल्कि जिस समय अंतराल में शुभ कार्य हो उसको शुभ घड़ी कहते हैं।
अच्छा समय आता नहीं है बल्कि अच्छा समय लाना पड़ता है। और अच्छा समय लाया कैसे जाता है? अच्छा समय अच्छे कर्मों से लाया जाता है।
सब कार्य तुम्हें ही करना पड़ेगा। सारी कहानी पहले ही लिखी जा चुकी है। कुछ नया नहीं होने वाला तुम्हारी जिंदगी में जब तक कि तुम खुद तत्पर होना ना हो जाओ।
यदि तुम सदैव ब्रह्म लीन रहते हो अर्थात सदैव ब्रह्म की चर्चा करते हो, सत्य की चर्चा करते हो तो फिर सदैव ही ब्रह्म मुहूर्त रहेगा।
यह समय रहते सही चुनाव या सही कार्य न किया जाए तो समय बिगड़ता है अर्थात समय का दुरुपयोग होता है।
सही समय यही है कि तुम समय का सही उपयोग करो। - यही है शुभ समय अर्थात ब्रह्म मुहूर्त।