चौपट जनता चौपट नेता
वास्तव में जनता के सेवक ही नेता हैं। नेता कहीं आसमान से नहीं टपक रहे हैं,वो हमारे ही समाज के बीच के लोगों में से एक हैं। यदि कोई नेता भ्रष्ट है तो वास्तव में वह नेता भ्रष्ट नहीं होता बल्कि वहां की जनता भ्रष्ट होती है। क्योंकि उस नेता को जनता ने ही चुना है। वास्तव में नेता वही करते हैं जो जनता चाहती है। जहां की जैसी जनता होती है वहां का वैसा ही नेता होता है। इसलिए यह उपर्युक्त होगा कि कि नेता को बदलने से पहले जनता को बदलना होगा। जिस दिन जनता बदल जाएगी, नेता स्वतः ही बदल जाएंगे। जब जनता अच्छी होगी तब नेता भी अच्छा होगा। यदि तुम को नेताओं में इतनी ही हीनता दिखती है तो फिर तुम स्वयं क्यों नहीं राजनीति में उतर आते हो?
नेताओं को छोड़ो, तुम स्वयं को पहले देखो कि तुम अच्छे हो, ये जनता अच्छी है। यदि जनता अच्छी है तो भ्रष्ट नेता चुनाव जीत ही नहीं सकता, यदि जीत ही जाए तो जनता उसे शासन करने नहीं देगी। जनता उसे उखाड़ देगी। नेता इसीलिए भ्रष्ट है क्योंकि जनता भ्रष्ट है। नेताओं का कोई दोष नहीं है। यदि कोई अच्छा नेता शासन भी करने लगे तो जनता के भ्रष्ट लोग उसको उखाड़ देंगे अर्थात शासन करने ही नहीं देंगे। इसलिए एक अच्छे देश के भविष्य के लिए एक अच्छा नेता नहीं बल्कि वहां की जनता अच्छी होगी चाहिए, युवा अच्छा होना चाहिए। क्योंकि यदि वहाँ का युवा अच्छा होगा, जनता अच्छी होगी , तो नेता स्वतः ही अच्छा हो जाएगा क्योंकि नेता उसी समाज का ही एक व्यक्ति होता है।नेता कहीं आसमान से आता है और ना ही दूसरी ग्रह से आता है।
और इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी कहा करते थे कि मुझे केवल ऐसे युवा मिल जाए जो सत्य का प्रतिनिधित्व करना चाहते हों। तो फिर मैं पूरे भारत देश को सफल बना दूंगा।
और यही उद्देश हमारे इस मिशन का भी है।
हमारा उद्देश्य
आनंदित लोग
वास्तव में आप सभी की जीवन में शांति ,स्पष्टता, एवम् बोध लाना चाहता है। इसका संबंध किसी विशेष व्यक्ति, जाति समुदाय, संप्रदाय से नहीं बल्कि समस्त मानव जाति से है। क्योंकि हमारा मानना है कि हम एक साथ मिलकर एक बेहतर पूरी दुनिया बना सकते हैं, यह आप पर निर्भर करता है कि आप चुनाव किसका करते हैं।
हम आपके जीवन में शांति और स्पष्ट की अभिलाषा रखते हैं।